पाकिस्तान में सैन्य और नागरिक नेतृत्व के बीच सत्ता पर कब्जे की जंग शुरू हो गई है। एक तरफ आर्मी चीफ असीम मुनीर हैं जो देश के पहले सीडीएफ बनकर पाकिस्तान के सुपरकमांडर बनने की कोशिश में हैं। उनके सामने दो पुराने दुश्मन नवाज शरीफ और आसिफ अली जरदारी हैं, जिन्होंने आने वाले खतरे को देखते हुए आपस में हाथ मिला लिया है और मिलकर रणनीति बना रहे हैं।
DG ISI भी खेल में शामिल
इस पूरे सत्ता संघर्ष के खेल में एक अहम कड़ी पाकिस्तानी सेना की कुख्यात खुफिया एजेंसी ISI के डायरेक्टर जनरल असीम मलिक भी हैं। असीम मलिक इस लड़ाई में किसके साथ हैं, ये काफी अहम हो जाता है, लेकिन उनकी कहानी बाद में जानते हैं। पहले जरदारी और नवाज शरीफ की मुश्किल जानते हैं। आदिल राजा बताते हैं कि असीम मुनीर ने फौज में वादा किया है कि उनके हाथ में ताकत आएगी तो पाकिस्तानी जनता के बीच फौज की तस्वीर सुधारने के लिए बड़े काम करेंगे।
शरीफ और जरदारी को किस बात का डर?
राजा बताते हैं कि असीम मुनीर ने फौज से वादा किया है उनमें दिग्गज नेताओं से लेकर सैन्य अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की फाइल खोलना शामिल है। इसमें छोटे राज्य बनाकर पैसा केंद्र के हाथ में रखकर देश पर आर्थिक नियंत्रण बनाने रखना भी शामिल है।